Blame Game बना एंडरसन का मामला
यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन के तत्कालीन सीईओ वारेन एंडरसन को भगाने का मामला Blame Game का रूप ले चुका है। अगर कड़ी कड़ी जोड़ते हुए देखिए तो सारे रास्ते घूम फिर कर सत्ता के गलियारों में ही पहुंच रहे हैं। लेकिन खुद को इससे अलग करके पाक साफ बनने की कोशिश कर रहा है और आरोपों का कीचड़ दूसरे पर फेंक रहा है।
शुरुआत यहां से करते हैः
- तत्कालीन पुलिस अधीक्षक स्वराज पुरी ने कहा कि उन्हें चीफ सेक्रेटरी ने आदेश दिया था
- तत्कालीन भोपाल कलेक्टर मोती सिंह का कहना है कि उन्हें “ऊपर” से आदेश मिला था।
- राज्य में ऊपर का मतलब सीएम हाउस/सेक्रेटिरिएट से होता है।
- सीबीआई के पूर्व संयुक्त महानिदेशक बी आर लाल का कहना है कि उन्हें केंद्र सरकार से एंडरसन जांच मामले में “गो स्लो यानी धीरे चलो” का आदेश मिला था।
- उस समय के स्टेट प्लेन के पायलट का कहना है कि उन्हें सीएम हाउस से आदेश मिला था कि स्टेट प्लेन से एंडरसन को दिल्ली पहुंचाओ।
- धीरे से अर्जुन सिंह को निशाने पर लिया गया।
- वो चुप रहे और चुप ही हैं।
- तत्कालीन पीएम राजीव गांधी का नाम भी शामिल किया गया। जबकि उस समय उन्हें प्रधानमंत्री मंत्री बने महज कुछ हफ्ते ही हुए थे।
- पार्टी सांसत में फंसी।
- प्रवक्ताओं ने कहा कि न तो पीएम और न ही सीएम दोषी।
- “सिस्टम” ने भगाया एंडरसन को।
- अब नरसिम्हाराव की ओर सारे आरोप मोड़ दिए गए हैं।
- पूर्व विदेश सचिव एम के रसगोत्रा का दावा, तत्कालीन गृहमंत्री पीवी नरसिम्हाराव ने दिया था आदेश
- नरसिम्हाराव के बेटे का जवाब, उनके पिता अकेले दोषी नहीं हैं इसमें।
पूरा मामला घूमकर वहीं लौट आया जहां था।
भोपाल को चाहिए जवाब
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